भानगढ़ का किला –भानगढ़ कैसे पहुंचे
भानगढ़ का किला
भानगढ़ का किला 17 वी शताब्दी का किला है इसका निर्माण श्री राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया था मुगल सम्राट अकबर की अदालत में मंत्रियों में एक थे किला विशेष रूप से माधव सिंह जी के लिए बनाया गया था किला बहुत ही पुराना और अपने आप में बहुत सारी यादें समाए हुए हैं राजस्थान सरकार द्वारा इसको संरक्षित किया गया है और इसे अच्छी तरह बनाए रखने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है इसे भारत का भूतिया किला भी माना जाता है इसमें अनेक मंदिर भी बनाए गए थे जो की बहुत ही भव्य मंदिर है और इनका निर्माण भी पुराने समय में ही हुआ था
भानगढ़ किले की लोकप्रिय प्रेत कथाएं
कथाएं इस प्रकार से है कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत सुंदर महिला थी और एक बहुत बड़ा जादूगर था जो रत्नावती से प्रेम करता था उससे शादी करना चाहता था एक दिन रत्नावती अपनी सहेली के साथ बाजार में जाती है इत्र खरीदने के लिए उस मौके का फायदा जादूगर उठाना चाहता था और वह जादूगर जिस इत्र को रत्नावती खरीदती है उसे इत्र को वह बदल देता है किसी तरह रत्नावती को यह मालूम होता है कि उसकी इत्र की शीशी जादू की इत्र की शीशी से बदल दी गई है उस इत्र की शीशी को रत्नावती किसी बड़ी चट्टान पर डाल देती है और वह चट्टान उठकर के तांत्रिक के ऊपर गिर जाती है और तांत्रिक की मौत हो जाती है उस समय तांत्रिक ने श्राप दे दिया कि यह महल रातो रात उजाड़ हो जाएगा
कुछ समय बाद भानगढ़ के किले पर मुगलों द्वारा हमला कर दिया गया जिसमें हजारों लोगों की मौत हुई और बच्चे हुए व्यक्ति भानगढ़ को छोड़कर यहां से निकल गए
4:00 बजे बाद प्रवेश निषेध
कई ऐसी घटनाएं हुई जिन के बाद भानगढ़ किले के अंदर नहीं जाने दिया जाता 4:00 बजे बाद | कई ऐसे समूह यहां पर खोज करने के लिए आए | जिन्होंने अजीबोगरीब आवाज सुनी और उन्होंने कई प्रकार की अद्भुत चीजें देखी जिसके बाद किले में 4:00 बजे बाद किसी को नहीं जाने दिया जाता
भानगढ़ पर्यटकों का आकर्षण
भानगढ़ किले की भूतों की कथाओं के अलावा किले के अंदर बहुत ही अच्छे अच्छे मंदिर है और इसकी शैली नागर शैली है नागर शैली में इसके कई भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ भानगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है और सरिस्का टाइगर रिजर्व से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित है
भानगढ़ के मंदिर
भानगढ़ में किले के प्रवेश द्वार पर कई सुंदर मंदिर बनाए गए हैं जिनमें सबसे पहले हनुमान जी का मंदिर आता है उसके बाद में सोमेश्वर मंदिर , केशव राय मंदिर , मंगला देवी मंदिर , गोपी नाथ मंदिर गणेश , मंदिर और नवीन मंदिर इनमें से प्रसिद्ध मंदिर गोपीनाथ मंदिर है जिसे 14 फीट ऊपर की ऊंचाई पर बनाया गया है जिसे पीली पत्थरों के साथ बनाया गया है यह मंदिर राजपूतों की वास्तुकला का एक नमूना है
भानगढ़ कैसे पहुंचे
पर्यटक आसानी से अलवर ,जयपुर ,दिल्ली ,जोधपुर से भानगढ़ तक पहुंच सकते हैं भानगढ़ किला अलवर से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
अलवर से भानगढ़ कैसे जाएं
अलवर से सरिस्का उद्यान के बीचो-बीच आते हुए थानागाजी पहुंचेंगे उसके बाद भानगढ़ पहुंचेंगे पर्यटक अलवर से भानगढ़ तक टैक्सी या बस में आ जा सकते हैं
नोट
दिल्ली से भानगढ़ 269 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
जयपुर से भानगढ़ 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जयपुर से दोसा हाईवे पर
भानगढ़ देखने का टिकट 20 प्रति व्यक्ति लगता है
Good story
जवाब देंहटाएंVERY GooD Information
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